भारत न तो यू.एस.ए. और स्विट्जरलैण्ड की तरह एक ‘परिसंघ’ है और न ही दक्षिण अफ्रीका तथा अस्ट्रेलिया की तरह का एक संघ है बल्कि यह ‘राज्यों का संघ’ है। अतः कोई भी राज्य भारत से अलग होने के लिए स्वतंत्र नहीं है। भारत विनाशी राज्यों का अविनाशी संघ है। संविधान के भाग-1 में अनुच्छेद
सर्वप्रथम अमेरिकी संविधान में प्रस्तावना को सम्मिलित किया गया। उसके उपरांत कई देशों में से अपनाया जिनमें भारत भी शामिल है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना पंडित नेहरू द्वारा बनाए गए “उद्देश्य प्रस्ताव” और संविधान सभा पर आधारित है। नोट:- प्रख्यात न्यायविद एन. ए. पालकीवाला ने प्रस्तावना को ‘संविधान का परिचय पत्र’ कहा है। संविधान की
संघ और राज्य क्षेत्र | संविधान के भाग-1 | Constitutional Development of India
भारत न तो यू.एस.ए. और स्विट्जरलैण्ड की तरह एक ‘परिसंघ’ है और न ही दक्षिण अफ्रीका तथा अस्ट्रेलिया की तरह का एक संघ है बल्कि यह ‘राज्यों का संघ’ है। अतः कोई भी राज्य भारत से अलग होने के लिए स्वतंत्र नहीं है। भारत विनाशी राज्यों का अविनाशी संघ है। संविधान के भाग-1 में अनुच्छेद
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