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Magnetic Fields
( चुम्बकीय क्षेत्र एवं रेखाएं )
भौतिकी में चुम्बकत्व वह प्रक्रिया है, जिसमें एक वस्तु दूसरी वस्तु पर आकर्षण या प्रतिकर्षण बल लगाती है। जो वस्तुएँ यह गुण प्रदर्शित करती हैं, उन्हें चुम्बक कहते हैं।
कुछ पदार्थों में -Fe, Co,Ni जैसे पदार्थों को आकर्षित करने का एक विशेष गुण पाया जाता है, इस गुण को चुंबकत्व कहा जाता है तथा चुंबकत्व का गुण दर्शाने वाले पदार्थों को चुंबक कहते है।
सब वस्तुएं न्यूनाधिक मात्रा में चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति से प्रभावित होती हैं।
चुम्बकत्व प्रमुख मात्रक
चुम्बकशीलता का मात्रक- हेनरी/मीटर
चुम्बकीय तीव्रता का मात्रक- न्यूटन /एम्पीयर मीटर व वेबर/मीटर×मीटर व टेस्ला
यह एक सदिश राशी है चुम्बकीय क्षेत्र का CGS पद्धति में मात्रक गौस ( Gauss ) है SI पद्धति में मात्रक टेस्ला है
1 Gauss =10^-4
चुंबक के प्रकार ( Types of Magnets )
प्राकृतिक चुंबक ( Natural Magnet )
सर्वप्रथम यूनान के एशिया माइनर प्रांत में मैग्नीशिया नाम की जगह पर एक ऐसे पदार्थ की खोज हुई जिसमें दिशा निर्देशन का गुण पाया जाता हो। इसे मैग्नेटाइट ( Fe2O3 ) नाम दिया गया। इसका उपयोग नाविक दिशा ज्ञान में करते हैं। अतः इसे दिशा सूचक पत्थर(Lood stone) कहते हैं।
कृत्रिम चुंबक ( Artificial Magnet )
वह चुंबक जो कृत्रिम रूप से बनाई जाती है, कृत्रिम चुंबक कहलाती है। कृत्रिम चुंबक दो प्रकार की होती है:-
1. स्थाई चुंबक ( Permanent Magnet )
यदि Fe, Co, Ni आदि को लंबे समय के लिए प्रबल चुंबकीय क्षेत्र में रख दिया जाए तो इनमे चुंबकत्व का गुण प्रेरित हो जाता है तथा नाखून लंबे समय तक बना रहता है। इस प्रकार बने चुंबक को स्थाई चुंबक कहा जाता है। इसके चुंबकत्व को आसानी से घटा या बढ़ा या नहीं जा सकता।
जैसे – छड़ चुंबक(दंड चुंबक),U-Shape Magnet, गुड नाल चुंबक, चुंबकीय सुई ।
2.अस्थाई चुंबक ( Floating magnet )
नर्म लोहे व नर्म स्टील की बनाई जाती है, जिसे आसानी से चुम्बकित तथा विचुम्बकित किया जा सकता है। यह चुंबक तब तक ही चुम्बक की तरह काम करता है जब तक इस पर कोई प्रेरित बल लगता रहे।
इसका उपयोग विद्युत घंटी, विद्युत मोटर, विद्युत जनरेटर में किया जाता है।
चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम ( Rules for determining the direction of magnetic field )
1. दक्षिणावर्त पेच नियम ( Clockwise screw rule ):- इस नियम के अनुसार दक्षिणावर्ती पेच को इस प्रकार वृत्ताकार पथ में घुमाया जावे की पेच की नोक विद्युत धारा की दिशा में आगे बढ़े तो पेच को घुमाने की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करेगी ।
2. दक्षिण हस्त का नियम( Law of the south hand ):- इस नियम के अनुसार धारावाही चालक को दाहिने हाथ से इस प्रकार पकड़े की अंगूठा धारा की दिशा में रहे तो मुड़ी हुई उंगलियां चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करेगी !
विद्युत धारा का चुंबकीय प्रभाव:- 1820 में ओरेस्टेट ने एक प्रयोग किया जिसमें एक चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और इसी कारण चालक के निकट की चुंबकीय सुई विक्षेपित होती है ।
चुम्बकत्व ( Magnetism )
चुम्बक के दो ध्रुव होते है उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव
चुबक के चारो ओर का वह क्षेत्र जहा बल का अनुभव किया जाता है चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है चुंबक से निकलने वाली बल रेखाएं चुबकिय बल रेखाएं कहलाती है चुम्बकीय बल रेखाएं सदैव उत्तरी ध्रुव से निकलती है तथा दक्षिणी ध्रुव में विलीन होती है दो चुम्बकीय बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को प्रतिछेद नहीं करती
स्वतंत्रता पूर्वक लटकती हुई चुंबक सदैव भौगोलिक उतरी दक्षिणी ध्रुव में ठहरती है।
चुम्बकत्व से संबंधित SI इकाइयाँ ( SI units related to magnetism )
संकेत मात्रा का नाम व्युत्पन्न इकाई इकाई मूल इकाई
- I विद्युत धारा एम्पीयर (SI base unit) A A = W/V = C/s
- q विद्युत आवेश, विद्युत की मात्रा कूलम्ब C A·s
- V विभवांतर या विद्युतवाहक बल वोल्ट V J/C = kg·m2·s−3·A−1
- R, Z, X प्रतिरोध, प्रतिबाधा, प्रतिघात (Reactance) ओह्म Ω V/A = kg·m2·s−3·A−2
ρ प्रतिरोधकता ओम प्रति मीटर Ω·m kg·m3·s−3·A−2 - P शक्ति वाट W V·A = kg·m2·s−3
- C धारिता फॅराड F C/V = kg−1·m−2·A2·s4
- व्युत्क्रम धारिता व्युत्क्रम फैराड F−1 V/C = kg·m2·A−2·s−4
- ε Permittivity फैराड प्रति मीटर F/m kg−1·m−3·A2·s4
- χe वैद्युत प्रवृत्ति (Electric susceptibility) (विमाहीन) – –
G, Y, B चालन, Admittance, Susceptance सीमेन्स S Ω−1 = kg−1·m−2·s3·A2 - σ चालकता सिमेंस प्रति मीटर S/m kg−1·m−3·s3·A2
- B चुम्बकीय क्षेत्र टेस्ला T Wb/m2 = kg·s−2·A−1 = N·A−1·m−1
- Φm चुम्बकीय फ्लक्स वेबर Wb V·s = kg·m2·s−2·A−1
- H चुम्बकीय क्षेत्र एम्पीयर प्रति मीटर A/m A·m−1
Reluctance एम्पीयर-टर्न प्रति वेबर A/Wb kg−1·m−2·s2·A2 - L प्रेरकत्व हेनरी H Wb/A = V·s/A = kg·m2·s−2·A−2
- μ पारगम्यता (Permeability) हेनरी प्रति मीटर H/m kg·m·s−2·A−2
- χm चुम्बकीय प्रवृत्ति (Magnetic susceptibility) (विमाहीन)
विद्युत चुंबकीय प्रेरण ( Electromagnetic induction )
किसी कुंडली एवम चुंबक के बीच सापेक्ष गति के कारण कुंडली में उत्पन्न विद्युत प्रभाव को विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं !
चुंबकीय फ्लक्स ( Magnetic flux )
किसी चुंबकीय क्षेत्र में रखे पृष्ठ से गुजरने वाली चुंबकीय बल रेखाओं की संख्या को उस पृष्ठ से संबंद्ध चुंबकीय फ्लक्स कहते हैं। चुंबकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर होता है ।
विद्युत धारा जनित्र ( Electric current generator )
ऐसी युक्ति है जो चुंबकीय क्षेत्र में रखी कुंडली को यांत्रिक ऊर्जा देखकर घूर्णन करवाकर विद्युत ऊर्जा प्राप्त की जाती है, यह विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित है ।
यह दो प्रकार के होते हैं ।
1. प्रत्यावर्ती धारा जनित्र ( Alternating current generator ) :- यह एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यावर्ती विद्युत ऊर्जा में बदलता है इसमें धारा का मान समय के साथ परिवर्तित होता रहता है !
2. दिष्ट धारा जनित्र ( Divisional Current Generator ) :- यह एक ऐसी युक्ति है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलती है! इसमें विद्युत ऊर्जा से प्राप्त विद्युत धारा की दिशा समय के साथ नियत रहती है!
Quiz
Question – 23
उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं।
किसी चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें उसके बल का संसूचन किया जा सकता है, उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है। चुम्बकीय क्षेत्र एक ऐसी राशि है जिसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं।
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ चुंबक के उत्तरी ध्रुव से प्रकट होती हैं तथा दक्षिणी ध्रुव पर विलीन हो जाती हैं। चुम्बक के भीतर चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा उसके दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर होती है। अतः चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ एक बंद वक्र होती हैं।
जैसे-जैसे तार में प्रवाहित विद्युत धारा के परिमाण में वृद्धि होती है तो किसी दिये गए बिंदु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण में भी वृद्धि होती है।
जब किसी धातु के तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो इस तार में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा एक चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करती है। अर्थात् किसी विद्युत धारावाही धातु के तार से एक चुम्बकीय क्षेत्र संबद्ध होता है। तार के चारों ओर क्षेत्र रेखाएँ अनेक संकेंद्री वृत्तों के रूप में होती हैं, जिनका केंद्र तार होता है। मानव शरीर के दो मुख्य भाग जिनमें चुम्बकीय क्षेत्र का उत्पन्न होना महत्त्वपूर्ण है, वे हैं - हृदय और मस्तिष्क। शरीर के भीतर चुंबकीय क्षेत्र शरीर के विभिन्न भागों के प्रतिबिंब प्राप्त करने का आधार बनता है। ऐसी एक विशेष तकनीक, जिसे चुंबकीय अनुनाद [Magnetic Resonance Imaging (MRI)] प्रतिबिंबन कहते हैं के उपयोग द्वारा किया जाता है। चिकित्सा निदान में इन प्रतिबिंबों का विश्लेषण सहायक होता है। इस प्रकार चिकित्सा विज्ञान में चुंबकत्व का महत्त्वपूर्ण उपयोग है।
विद्युत मोटर एक ऐसी घूर्णन युक्ति है, जिसमें विद्युत ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में रूपांतरण होता है। एक महत्त्वपूर्ण अवयव के रूप में विद्युत मोटर का उपयोग विद्युत पंखों, रेफ्रिज़रेटरों, विद्युत मिश्रकों, वॉशिंग मशीनों, कंप्यूटरों, MP3 प्लेयरों आदि में किया जाता है।
विद्युत चुंबकीय प्रेरण एक ऐसी परिघटना है, जिसमें किसी कुंडली में जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है, जहाँ समय के साथ चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुंबक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। यदि कुंडली किसी धारावाही चालक के निकट रखी है, तब कुंडली से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र या तो चालक से प्रवाहित विद्युत धारा में अंतर के कारण हो सकता है अथवा चालक तथा कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है। प्रेरित विद्युत धारा की दिशा फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त नियम द्वारा प्राप्त की जाती है
हमारे घरों में जो प्रत्यावर्ती विद्युत शक्ति की सप्लाई की जाती है वह 220V की होती है जिसकी आवृत्ति 50HZ होती है।
Share your Results:प्रश्न=1.निम्न में से कौनसा पदार्थ विधुत-चुंबक की क्रोड के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है-
प्रश्न=2.चुम्बक की विचुम्बकीय किया जा सकता है-?
प्रश्न=3.किसके लिए चुम्बकीय पारगम्यता अधिकतम है-?
प्रश्न=4.चुम्बकीय प्रवृति ऋणात्मक है-?
प्रश्न=5.निम्न में से कौनसा पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ है-?
प्रश्न=6.किसी वृताकार कुंडली में धारा प्रवाहित की जाती है यदि कुंडली की त्रिज्या को दोगुना कर दिया जाए तो उसके केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा-?
प्रश्न=7. R त्रिज्या के वृत्ताकार लुप में i धारा प्रवाहित हो रही है। तथा इसे B चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत रखा जाता है उस पर बल लगेगा-?
प्रश्न=8.निम्न में से कौनसी किरणें चुंबकीय क्षेत्र के द्वारा विक्षेपित नहीं होती-?
प्रश्न=9.एक समान चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में निम्न में से किस पर बल नहीं लगेगा-?
प्रश्न=10. चुंबकीय प्रवृत्ति का मान ऋणात्मक व अल्प होता है:-?
प्रश्न 11.लौह चुम्बक पदार्थ के लिए कौनसा कथन सही है-?
प्रश्न 12.लौह चुंबकीय पदार्थ की पारगम्यता-?
प्रश्न 13.स्थायी चुम्बक बनाये जाते है-?
प्रश्न 14.सभी प्रदार्थों अंर्निरहित गुण है-?
प्रश्न 15. एक इलेक्ट्रॉन धारावाहिक तार से 1 मीटर दूरी पर धारा की दिशा के विपरीत गति करता है तो उस पर F बल लगता है। उतनी ही दूरी पर तार के लंबवत गति करने पर बल का मान होगा-?
16. विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव को सर्वप्रथम किसने अवलोकित किया था?
17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः 1. चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं। 2. चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ चुम्बक के उत्तर ध्रुव से प्रकट होती हैं तथा दक्षिण ध्रुव पर विलीन हो जाती हैं। उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
18. यदि किसी तार में प्रवाहित विद्युत धारा के परिणाम में वृद्धि होती है तो किसी दिये गए बिंदु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र परिमाण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
19. निम्नलिखित में से कौन-सा किसी लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुम्बकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
20. हमारे शरीर के किन अंगों के द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है? 1. मस्तिष्क 2. वृक्क 3. हृदय 4. यकृत कूटः
21. विद्युत मोटर एक ऐसी युक्ति है जो परिवर्तित करती है-
22. नीचे दिये गए कथनों में से कौन-सी विद्युत चुंबकीय प्रेरण की परिघटना है?
23.. हमारे घरों में जो विद्युत की सप्लाई की जाती है वह कितने वोल्ट तथा हार्टज (HZ) पर होती है?
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
Ramesh Hudda, Hemant Patidar, Dr Vinod Bhatt, P K Nagauri, रमेश डामोर सिरोही