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नैनो प्रौद्योगिकी ( Nano technology )
नैनो तकनीक आण्विक स्तर पर कार्यात्मक प्रणाली की इंजीनियरिंग तकनीक है। यह व्यवहारिक विज्ञान के क्षेत्र में 1 से 100 नैनोमीटर स्केल में प्रयुक्त एवं अध्ययन की जाने वाली सभी तकनीकों एवं संबंधित विज्ञानों का समूह है।
जब किसी वस्तु या सामग्री का नैनो आयाम पर अध्यन किया जाता है एवं उस वस्तु या सामग्री पर नैनो स्तर (अति सूक्ष्म स्तर) पर बदलाव किया जाता है तो उसके भौतिक, रासायनिक, चुंबकीय, प्रकाशकीय, यांत्रिक एवं इलेक्ट्रिक गुणों में व्यापक परिवर्तन दृष्टिगोचर होता है, जिससे यह अधिक सक्षम एवं उपयोगी हो जाती है। नैनो तकनीक मेडिकल साइंस, पर्यावरण विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौंदर्य प्रसाधन, सुरक्षा, फैब्रिक्स एवं अन्य विविध क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।
उद्भव ( Evolution ) :-
नैनो तकनीक के प्रारंभिक सिद्धांतों का पहली बार प्रयोग (जब इस नाम का प्रयोग प्रारंभ नहीं हुआ था) 1959 ई. में अमेरिकी फिजिकल एसोसिएशन की मीटिंग में प्रसिद्ध वैज्ञानिक रिचर्ड फेमेन ने अपने लेख “therer,s Plenty of Room at the Bottom” मैं किया था। इसमें उन्होंने बताया कि पदार्थ में सीधे परमाणुओं के स्तर पर परिवर्तन कर कुछ नई उपयोगी तकनीकें बनाई जा सकती है।
नैनो तकनीक(Nano Technology) शब्द का प्रथम बार प्रयोग टोक्यो साइंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर नोरियो तानिगुची ने 1974
में किया। इसको विस्तृत रूप से 1980 में श्री एरिक ड्रेक्सलर ने परिभाषित किया।
पदार्थों के लघुकरण की यात्रा मिली मीटर से माइक्रोन, नैनोमीटर, ऐंग्स्ट्रॉम, पिको, फेंटो और ऑप्टो तक जाती है।
वर्तमान में नैनो तकनीक(Nano technology) के विभिन्न पहलुओं पर निम्न पर योजनाएं चल रही है:-
1. सूक्ष्म अणुओं संश्लेषण:- सी-मैट ,पुणे में इलेक्ट्रॉनिक पैकेजिंग और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रयोग हेतु उत्कृष्ट और अंतवर्ती धातुओं के सूक्ष्म कणों का संश्लेषण।
2.क्वांटम संरचनाओं हेतू प्रौद्योगिकी:- सीईईआरआई पिलानी में सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक आधारित भावी सिलिकॉन में क्वांटम संरचनाओं और उनके प्रयोग हेतु प्रौद्योगिकी विकसित करना।
3.सूक्ष्म-क्रिस्टल पाउडर का संश्लेषण:- सूक्ष्म-क्रिस्टलीय SNO2 पाउडर का संश्लेषण और अल्ट्रा सोनिक स्प्रे पायरोलिसिस प्रौद्योगिकी द्वारा गैस को सेंसिंग हेतु सूक्ष्म संरचना SNO2(टिन ऑक्साइड) की पतली फिल्म तैयार करना।
4.एलाइड़ सूक्ष्म-ट्यूबों का संश्लेषण:- आईआईटी,दिल्ली में कार्बन और सम्बंधित सामग्री के एलाइड सूक्ष्म-ट्यूबों का संश्लेषण और उनके इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन के लक्षणों का अध्ययन करना।
5.सूक्ष्म पैमाने पर एमओएसएफईटी की मॉडलिंग और उत्प्रेरण(मिसमुलेशन):- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में सूक्ष्म पैमाने पर एमओएसएफईटी (मैटल सेमीकंडक्टर फील्ड इफ़ेक्ट ट्रांजिस्टर )का कमरे के तापमान (आरटी)पर द्रव नाइट्रोजन तापमान पर क्लासिकल एमओएसएफईटी की मॉडलिंग और उत्प्रेरण।
6.सूक्ष्म संरचना वाली रंध्रीय (पोरस)सिलिकॉन की जांच:- जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली में रासायनिक और जैविक प्रजातियों की उपस्थिति का पता लगाने हेतु सूक्ष्म संचरना वाली रंध्रीय सिलिकॉन की
रमन एवं फोटोलुमिनेशं जांच।
7.पतली फिल्म की सूक्ष्म संरचनाए विकसित करना:- आईआईटी, कानपुर में स्पिनट्रॉनिक्स और क्वांटम इन्फार्मेटिक्स हेतु ऑक्साइड, आधारित फंक्शनल थिन फिल्म सूक्ष्म संरचनाए।
8.डिप पैन नैनो लेखन(डीपीएन):- सीईईआरआई, पिलानी में सूक्ष्म प्रतिरूपण सुविधा पर आधारित डिप पैन नैनो लेखन की व्यवस्था की गई है।
Nano technology important Question and Quiz
1) नैनो टेक्नोलॉजी किसे कहते है?
उत्तर- परमाण्विक स्तर पर पदार्थो के व्यवहार का अध्ययन तथा इस आधार पर उनकी उपयोगिताओं में वृद्धि करने वाली तकनीक को नैनो तकनीक कहते है। आमतौर पर नैनोटेक के अन्तर्गत 100 नैनोमीटर से छोटे आकार की संरचनाओं को शामिल किया जाता है।
2) नैनो तकनीक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कब व किसके द्वारा किया गया?
उत्तर- सबसे पहली बार नेनों टेक्नोलॉजी शब्द का प्रयोग टोक्यो विश्वविद्यालय के नोरिया तानीगुजी ने 1974 में किया था
3) क्वांटम डॉटस
उत्तर- अर्द्धचालकों के नैनोकणों को क्वांटम डॉटस कहा जाता है। यदि अर्द्धचालक कणों को आकार में बहुत छोटा बना दिया जाये तो क्वांटम प्रभाव क्रियाशील हो जाता है। मात्र आकार को नियंत्रित कर के ऐसे कणों का निर्माण किया जा सकता हैजो प्रकाश की विशिष्ट तरंगदैर्ध्य को उत्सर्जित या अवशोषित कर सकते है।
4) नैनो फिल्टर:
उत्तर- यह प्रदूषकों को वातावरण में जाने से रोकता है। इसका उपयोग वाहनों, कारखानों व अन्य प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों में सम्भव है। यह IIT मद्रास व BHU द्वारा विकसित किया गया है जिसे अन्तराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है।
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No of Questions- 15
स्थापना 1985 Share your Results:प्रश्न 1 'रौटोक्जन' के बारें में सत्य कथन है- 1) यह एक इलेक्ट्रॉनिक स्विच है। 2) यह आणविक गणना कर सकता है। 3) भविष्य में प्रकाशीय व क्वांटम गणना हेतु भी इसका उपयोग संभव है। कूट की सहायता से सही कथन का चयन कीजिए-
प्रश्न 2 निम्न में से किसका उपयोग रोग का पता लगाने व उपचार में किया जाता है-
प्रश्न 3 'NSTI' का पूरा नाम क्या है-
प्रश्न 4 नैनो तकनीक की समस्याए है- 1) मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए नैनो कणों की कोई मात्रा निश्चित नहीं की जा सकी है। 2) नैनो स्तर पर कई पदार्थ अपनी मौलिक विशेषताएं खो देते है। 3) पदार्थ के परमाणविक स्तर पर पहुंचना काफी मुश्किल है। 4) परमाणु स्तर पर बंधन काफी सरल होता है। निम्न कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-
प्रश्न 5 नैनो पैमाने पर बने रासायनिक संश्लिष्ट बहुलक कहलाता है-
प्रश्न=6- कौन सा युग्म बेमेल हैं?
प्रश्न=7- 2007 में किस कारण नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था?
प्रश्न=8- निम्न कथनों पर विचार? A एरिक डेकसलर टॉप डाउन नैनो तकनीकी खोजकर्ता थे B रिचर्ड फिनमैन को नैनो तकनीकी का पिता कहा जाता है
प्रश्न=9- भारत में नैनो तकनीकी के जनक?
प्रश्न=10- ए आर सी आई नैनो तकनीक विश्व की सबसे बड़ी संस्था है इसके विषय में निम्न कथनों पर विचार कीजिए? 1 इसका मुख्यालय हैदराबाद में है 2 इसकी स्थापना 1986 में हुई 3 2009 में यू एन ओ के अधीन कर दिया गया 4 1996 में स्वायत्त संस्था
प्रश्न=11-परमाणुओं के अध्ययन से नैनो तकनीक को पृथक रखने के लिए lower सिमा रखी है?
प्रश्न=12-CNT के बारे में असत्य है ?
प्रश्न=13-कथन A रिचर्ड फ़ेनमेन ने नैनो प्रोधोगिकी की संकल्पना दी। कथन B जापानी वैज्ञानिक तानिगुची ने N.T.शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किया।
प्रश्न=14-कथन A बेंनिंग तथा Rohrer ने scanning tunneling microscope बनाया। कथन B बेंनिंग ने atomic force microscope बनाया ।
प्रश्न=15-टाइटेनियम ऑक्साइड के नैनो कण के बारे में असत्य है?
Specially thanks to Post Writer ( With Regards )
Mamta Sharma Kota, रमेश डामोर सिरोही, P K Nagauri, Nagaur, चंद्रप्रकाश सोनी पाली, प्रियंका गर्ग