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Rajasthan Public Service Commission ( राजस्थान लोक सेवा आयोग ) –
राजस्थान लोक सेवा आयोग का एक इतिहास रहा है यू तो सर्वप्रथम 1923 में ली आयोग ने केन्द्र में एक लोक सेवा आयोग की सिफारिश की लेकिन उसमें राज्यों के लिए अलग से आयोग की कोई सिफारिश नहीं थी स्वतंत्रता के समय जयपुर, जोधपुर व बीकानेर जिलों में लोक सेवाओं की भर्ती संस्थाएं कार्यरत थी
भारत शासन अधिनियम 1935 के प्रारूपानुसार वह संविधान के अनुच्छेद -315 के तहत अगस्त 1949 में जयपुर में आर.पी.एस.सी. की स्थापना की गई
राजस्थान के तत्कालीन राजप्रमुख सवाई मान सिंह द्वितीय ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना हेतु 16 अगस्त 1949 को 23वां अध्यादेश जारी करते हुए संविधान के अनुच्छेद 315(1)के तहत RPSC की स्थापना 20 अगस्त,1949 को जयपुर में की गयी
1956 में गठित सत्यनारायण राव समिति के आधार पर राजस्थान लोक सेवा आयोग को जयपुर से अजमेर स्थान्तरित किया गया.
वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग का मुख्यालय अजमेर में घूघरा घाटी में स्थित है
राजस्थान लोक सेवा आयोग के गठन के समय सदस्यों की संख्या 3 (1अध्यक्ष +2 सदस्य ),1974 में 4 (1अध्यक्ष +3सदस्य ) जिसे 1981 में 5 (1+4),वर्तमान में इनकी सदस्य संख्या 8 (1अध्यक्ष +7सदस्य) हो गयी है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ ग्रहण करते है.
सदस्यो की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है जबकी कार्यकाल से पुर्व हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को है
संविधान के अनुच्छेद 316(2)के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष(जो भी हो पहले ) की आयु तक होता है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्यों के वेतन भतो का निर्धारण राज्य सरकार करती है
28 जुलाई 1950 को राजस्थान लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष एन.सी.त्रिपाठी थे ,तो इससे पूर्व अस्थाई व्यवस्था के तहत 1,अप्रैल 1949 को प्रथम अध्यक्ष एस.के.घोष को बनाया गया.
राजस्थान लोक सेवा आयोग के वर्तमान अध्यक्ष दीपक उत्प्रेती है.
राजस्थान लोक सेवा आयोग( Rajasthan Public Service Commission ) के कार्य
1- भर्ती संबंधी कार्यक्रम
2- परीक्षा का आयोजन
3- साक्षात्कार करना
4- पदोन्नति का कार्य
5- अनुशंसा करना
6- अनुशासनात्मक कार्यवाही
7- परामर्श संबंधी कार्य
आयोग के सचिव का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है
राजस्थान लोक सेवा आयोग ( Rajasthan Public Service Commission ) important question
1. राजस्थान में वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष कौन है ?
उत्तर- वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष दीपक उत्प्रेती है।
2 क्या दो या दो से अधिक राज्यो के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग का प्रावधान है ?
उत्तर – अनुच्छेद 315(२) के तहत दो या अधिक राज्यो के लिए एक संयुक्त लोक सेवा आयोग हो सकता है।
3.संविधान के कौनसे भाग व अनुच्छेद में संघ व राज्य लोक सेवा आयोग का प्रावधान है ?
उत्तर- संविधान के 14वे भाग में अनुच्छेद 315(१)में संघ व राज्य लोक सेवा आयोग का प्रावधान है। तथा अनुच्छेद315 से 323 तक राज्य लोक सेवा आयोग के गठन, कार्य, शक्तियां, सदस्यों की नियुक्ति, त्यागपत्र, बर्खास्तगी आदि का प्रावधान है।
4. राजस्थान में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना कब व कहा कि गई ?
उत्तर- राजस्थान के एकीकरण के बाद राजस्थान की तत्कालीन सरकार ने 16 अगस्त,1949 को एक अध्यादेश जारी कर जयपुर में राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई । 1956 में राज्य पुनर्गठन के बाद सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर राजस्थान लोक सेवा आयोग को अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया।
5. राज्य लोक सेवा आयोग के प्रावधान व उनके बारे में विस्तार से जानकारी दीजिए ?
उत्तर- संविधान के भाग 14 में अनुच्छेद 315(१)के तहत संघ व राज्य क्षेत्र के लिए लोक सेवा आयोग का प्रावधान है।
- अनुच्छेद315(२)के अनुसार दो या दी से अधिक राज्यो के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग के गठन का प्रावधान है।
- अनु. 316 – लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति व कार्यकाल ।
- अनु. 317 – लोक सेवा आयोग के सदस्यों की बर्खास्तगी व निलम्बन।
- अनु.318- आयोग के कर्मचारियों व सदस्यों की सेवा शर्तों के नियमन की शक्ति।
- अनु. 319- आयोग के किसी सदस्य द्वारा सदस्य न रहने पर उस पर प्रतिबंध।
- अनु.320- लोक सेवा आयोग के कर्तव्य।
- अनु. 321- लोक सेवा आयोग के कर्तव्य में वृद्धि।
- अनु. 322- लोक सेवा आयोग का विस्तार।
- अनु.323- लोक सेवा आयोग की रिपोर्ट/प्रतिवेदन।
राजस्थान लोक सेवा आयोग का वर्तमान में कार्यालय अजमेर में है।
गठन- 1 अध्यक्ष व 7 अन्य सदस्यों से।
कार्य- राज्य प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुशल अधिकारियों व कर्मचारियों का चयन करना।
नियुक्ति- अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा उस राज्य के मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाती है।
कार्यकाल- अध्यक्ष व सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 वर्ष की अवधि या 62 वर्ष की उम्र होने पर, इनमे से जो भी पहले हो।
त्यागपत्र- अध्यक्ष व सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को देंगे।
बर्खास्तगी- केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश द्वारा अनु. 145में विहित प्रक्रिया द्वारा उच्चतम न्यायालय द्वारा सिद्ध होने पर हटाया जा सकता है।
अध्यक्ष दीपक उत्प्रेती है
Sir, niyukti rasterpati dwara nhi ki jati jabki, rajyapal dwara ki jati h
सदस्यो की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है जबकी कार्यकाल से पुर्व हटाने का अधिकार राष्ट्रपति को है
Please update question