राज्य सूचना आयोग State Information Commission
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में न केवल केंद्रीय सूचना आयोग अपितु राज्य स्तर पर राज्य सूचना आयोग की स्थापना का भी प्रावधान है ।
राज्य सूचना आयोग एक उच्च प्राधिकारयुक्त स्वतंत्र निकाय है ,जो इसमें दर्ज शिकायतों की जांच करता है। एंव उनका निवारण करता है । यह सम्बंधित राज्य सरकार के अधीन कार्यरत कार्यालयों , वित्तीय संस्थानों,सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि के बारे में शिकायतों एंव अपीलों की सुनवाई करता है
राजस्थान में इसका गठन 13 अप्रैल 2006 को किया गया। राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त श्री MD कौरानी थे। वर्तमान में राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त- श्री सुरेश कुमार चौधरी है
सरंचना :-
इस आयोग में एक मुख्य आयुक्त एवं सूचना आयुक्त होते हैं जिनकी संख्या 10 से अधिक नहीं होनी चाहिए, इन सभी की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है, जिसमें प्रमुख के रूप में मुख्यमंत्री, विधानसभा में विपक्ष का नेता एवं मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत एक कैबिनेट मंत्री होता है।
इस आयोग का अध्यक्ष एवं सदस्य बनने वाले सदस्यों में सार्वजनिक जीवन का पर्याप्त अनुभव होना चाहिए। तथा उन्हें विधि, विज्ञान और तकनीकी, सामाजिक सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता, जनसंचार या प्रशासन आदि का विशिष्ट अनुभव होना चाहिए। उन्हें संसद या किसी राज्य विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए। ये किसी राजनीतिक दल से संबंधित किसी लाभ का पद धारण ना करते हों, तथा ये कोई लाभ का पद या व्यापार ना करते हो।
कार्यकाल एंव सेवा शर्तें-
इनका कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो ,तक पद पर बने रह सकतें है । उन्हें पुनर्नियुक्ति की पात्रता नहीं होती है ।
राज्यपाल मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों को निम्न प्रकारों से उनके पद से हटा सकता है-
- यदि वे दिवालिया हो गए हों।
- यदि उन्हें किसी नैतिक चरित्रहीनता के अपराध के संबंध में दोषी करार दिया गया हो। (राज्यपाल की नजर में)
- यदि वे अपने कार्यकाल के दौरान किसी अन्य लाभ के पद पर कार्य कर रहे हो
- यदि वे (राज्यपाल की नजर) में वे शारीरिक या मानसिक रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करने में अक्षम हो। या
- किसी ऐसे लाभ के पद को प्राप्त करते हुए पाए जाते हैं, जिससे उनका कार्य व निष्पक्षता प्रभावित होती हो ।
इसके अलावा राज्यपाल आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर भी हटा सकते हैं। हालांकि इन मामलों में राज्यपाल मामले को जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पास भेजते है, तथा यदि उच्चतम न्यायालय जांच के बाद मामले को सही पाता है तो वह राज्यपाल को इस बारे में सलाह देता है। उसके उपरांत राज्यपाल अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को पद से हटा देते हैं ।
राज्य की मुख्य सूचना आयुक्त के वेतन भत्ते एवं सेवा शर्तें निर्वाचन आयुक्त के समान होते हैं इसी प्रकार अन्य सूचना आयुक्तों के वेतन भत्ते एवं सेवा शर्तें राज्य के मुख्य सचिव के समान होते हैं उनके सेवाकाल में उनके वेतन-भत्तों एवं सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
शक्तियां एंव कार्य-
- आयोग का यह दायित्व है कि वे किसी व्यक्ति से प्राप्त जानकारी एंव शिकायतों का निराकरण करें-
- जन सूचना अधिकारी की नियुक्ति ना होने के कारण किसी सूचना को प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा हो।
- उसे चाही गयी जानकारी देने से मना कर दिया गया हो।
- उसे चाही गई जानकारी निर्धारित समय में ना प्राप्त हुई हो।
- यदि उसे लगता हो सूचना के एवज में मांगी गई फीस सही नहीं है।
- यदि उसे लगता है कि उसके द्वारा मांगी गई सूचना अपर्याप्त ,झूठी या भ्रामक है ,तथा
- सूचना प्राप्ति से सम्बंधित कोई अन्य मामला ।
यदि किसी ठोस आधार पर कोई मामला प्राप्त होता है । तो आयोग ऐसे मामले की जांच का आदेश दे सकता है (स्व प्रेरणा शक्ति)
जांच करते समय निम्न मामलों के संबंध में आयोग को दीवानी न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती है–
- वह किसी व्यक्ति को प्रस्तुत होने एवं उस पर दबाव डालने के लिए समन जारी कर सकता है तथा मौखिक या लिखित रूप से शपथ के रूप में साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दे सकता है।
- किसी दस्तावेज़ को मंगाना एवं उसकी जांच करना।
- किसी न्यायालय या कार्यालय से सार्वजनिक दस्तावेज को मंगाना।
- किसी गवाह या दस्तावेज को प्रस्तुत करने या होने के लिए समन जारी करना।
- तथा कोई अन्य मामला जिस पर विचार करना आवश्यक हो।
शिकायत की जांच करते समय आयोग लोक प्राधिकारी के नियंत्रणाधीन किसी दस्तावेज या रिकॉर्ड की जांच कर सकता है तथा इस रिकॉर्ड को किसी भी आधार पर प्रस्तुत करने से इनकार नहीं किया जा सकता है। यानी (सभी सार्वजनिक दस्तावेज प्रस्तुत करना अनिवार्य है)
आयोग को यह शक्ति प्राप्त है कि वह लोक प्राधिकारी से अपने निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित करें । इसमें सम्मिलित है–
- किसी विशेष रूप में सूचना तक पहुंच।
- जहां कोई भी जन सूचना अधिकारी नहीं है वहां ऐसे अधिकारी को नियुक्त करने का आदेश देना।
- सूचनाओं के प्रकार या किसी सूचना का प्रकाशन।
- रिकॉर्ड के प्रबंधन,रखरखाव एवं विशिष्टीकरण की रीतियों में किसी प्रकार का आवश्यक परिवर्तन।
- सूचना के अधिकार के बारे में प्रशिक्षण की व्यवस्था।
- इस अधिनियम के अनुपालन के संदर्भ में लोक प्राधिकारी से वार्षिक प्रतिवेदन प्राप्त करना।
- आवेदक द्वारा चाही गई जानकारी न मिलने पर या उसे क्षति होने पर लोक प्राधिकारी को इसका मुआवजा देने का आदेश करना। तथा इस अधिकार के अंतर्गत अर्थदंड लगाना। तथा किसी याचिका को अस्वीकार करना।
इस अधिनियम के क्रियान्वयन के संदर्भ में आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत करता है तथा सरकार प्रतिवेदन को विधानमंडल के पटल पर रखती है।
जब कोई लोक प्राधिकारी इस अधिनियम का पालन नहीं करता तो आयोग इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही कर सकता है। ऐसे कदम उठा सकता है जो इस अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करें।
राजस्थान राज्य सूचना आयोग (Rajasthan State Information Commission)
राज्य में पहली बार सूचना का अधिकार कानून 2000 में लागू हुआ| सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 15 के तहत राज्य सूचना आयोग का गठन किया गया है
सूचना के अधिकार 2005 के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह बिना कोई कारण बताए किसी भी सार्वजनिक प्रकरण से सूचना प्राप्त करें इस हेतु राजस्थान सरकार ने अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत दिनांक 12 अक्टूबर 2005 को परिपत्र जारी कर नियम बनाए जो दिनांक 13 अक्टूबर 2005 को राजपत्र में उस हेतु निर्धारित शुल्क की अदायगी कर निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित होकर प्रभावी हुए
आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त एवं आवश्यकतानुसार अधिकतम 10 सूचना आयुक्त नियुक्त हो सकते हैं
राज्य के प्रथम सूचना आयुक्त श्री एमडी कौरानी को 18 अप्रैल 2006 को महामहिम राज्यपाल ने पद की शपथ दिलाई आयोग एक वैधानिक निकाय है जो की पूर्णता स्वायत्तशासी है तथा जिससे अपने कार्यों के निष्पादन में किसी अन्य प्राधिकरण से निर्देश प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है राज्य सूचना आयोग का मुख्यालय जयपुर में है |
नियुक्ति
राज्य सूचना आयोग केंद्रीय सूचना आयोग की तरह ही एक सांविधिक एवं स्वायत्तशासी निकाली है राज्य सूचना आयोग में एक राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं आवश्यकतानुसार 10 उच्चायुक्त होंगे जिनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा निम्न समिति की सिफारिश पर की जाएगी-
- मुख्यमंत्री समिति का अध्यक्ष होगा
- विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता
- मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत कैबिनेट का मंत्रीउनकी योग्यता एवं अयोग्यताए वही है जो केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों के लिए निर्धारित है
पदावधि
- सभी के लिए पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष या 65 वर्ष तक की आयु जो भी पहले हो
- शपथ ग्रहण राज्यपाल या उनके द्वारा इस हेतु नियुक्त किसी अन्य व्यक्ति के समक्ष शपथ ग्रहण की जाएगी
- त्यागपत्र — राज्य मुख्य सुचना आयुक्त को वेतन राज्य निर्वाचन आयुक्त के बराबर ! पद से हटाया जाना मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्त को साबित कदाचार पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्यपाल हटा सकता है
दंड आरोपण
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दायर शिकायत या अपील पर निर्णय देते समय आयोग देरी से सूचना देने, सूचना को खुर्द-बुर्द करने, रुकावट डालने आदि के आरोप के दोषी लोक सूचना अधिकारी पर ₹250 प्रतिदिन के दर्शन और अधिकतम राशि 25000 तक हो सकती है। सूचना न देना, समय पर न देना गलत अधूरी या भ्रामक सूचना देना,सूचना को नष्ट करना, सूचना देने में बाधा उत्पन्न करना अधिनियम के तहत दोषयुक्त व्यवहार की परिभाषा में आते हैं
राज्य सूचना आयोग संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य
- सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 15 के तहत राजस्थान सूचना आयोग का गठन किया गया
- राजस्थान सूचना आयोग का गठन 13 अप्रैल 2006 को किया गया
- राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयूक्त श्री M. D. कौरानी थे
- राज्य सूचना आयोग एक वैधानिक निकाय जो पूर्णतया स्वायत्तशासी है
- मुख्य सूचना आयुक्त को शपथ राज्यपाल दिलाता है
- सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 18 19 20 में सूचना आयोग के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन है अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत करता है और राज्य सरकार इस प्रतिवेदन को विधानमंडल के पटल पर रखती है
PLAY QUIZ
Share your Results:1. सूचना का अधिकार अधिनियम की किन धाराओं में सूचना आयोग के कार्य एवं शक्तियों का वर्णन है
2. राज्य सूचना आयोग मुख्य आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है
3. राज्य सूचना आयोग के संदर्भ में सही है (A)राज्य सूचना आयोग एक उच्च प्राधिकार युक्त स्वतंत्र निकाय है (B)राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य राज्य सूचना आयुक्त 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु दोनों में से जो भी पहले हो तक पद पर बने रह सकते हैं (C)राज्यपाल मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य राज्य सूचना हेतु पद से हटा सकता है (D) इस अधिनियम के क्रियान्वयन के संदर्भ में आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन केंद्र सरकार को प्रस्तुत करता है
4. भारत की संसद द्वारा अधिनियमित किये जाने के बाद,'सूचना का अधिकार अधिनियम 'का सुमारंभ हुआ ?
5. निम्नलिखित में से कोनसा एक राज्य सूचना आयुक्त एंव राज्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए गठित समिति का सदस्य नही होता है ?
6. निम्नलिखित में से कौन उस समिति का भाग नही है ,जो राज्यपाल को मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के बारे में सिफारिश करता है ?
7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ? 1.राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य की ही तरह मुख्य सूचना आयुक्त की पदावधि 6 वर्ष की अवधि के लिए या उसके 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक,जो भी पहले हो ,होगी । 2. मुख्य सूचना आयुक्त को उसके पद से केवल उसी रीति से और उन्ही आधारों पर हटाया जाएगा जिस रीति से और जिन आधारों पर राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटाया जाता है । उपरोक्त कथन में से कोनसा सत्य है ?
8. निम्नलिखित में से कौन सा उप समिति का सदस्य नही है जो मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए राज्य के राज्यपाल की सिफारिश करती है ?
9. राज्य सूचना आयुक्त को उसके पद से कैसे हटाया जा सकता है ?
10. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 लागू होता हैं?
11. निम्न में से किसमें सूचना के प्रदान किए जाने से छूट है?
12. सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना मांगने पर कितने समय में सूचना उपलब्ध करना आवश्यक है?
Q.13. सूचना का अधिकार कानून कब से लागू हुआ?
14. केन्द्रीय सूचना आयुक्त का कार्यकाल होता है ?
15. भारत में सर्वप्रथम राजस्थान में सूचना का अधिकार कानून किस वर्ष लागू किया गया था?
16. राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
17. मुख्य सूचना आयुक्त को पद से हटाया जा सकता है -
18. राजस्थान के मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल है -
19. सूचना का अधिकार अधिनियम किस वर्ष पारित किया गया था?
20. भारत के किस राज्य में सूचना का अधिकार लागू नहीं किया जा सका है?
21. भारत में सूचना का अधिकार कानून सर्वप्रथम किस राज्य में लागू किया गया था?
22. राजस्थान में राज्य सूचना आयोग का गठन किस वर्ष किया गया?
23. राजस्थान का पहला मुख्य सूचना आयुक्त किसे बनाया गया?
24. राज्य सूचना आयोग का कार्यालय कहाँ स्थित है?
25. सूचना का अधिकार के तहत प्रत्येक सरकारी विभाग में इस हेतु नियुक्त प्राधिकारी है -
26. सूचना के अधिकार के तहत कोई सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन करने का शुल्क है
27. लोक सूचना अधिकारी द्वारा समय पर सूचना उपलब्ध नहीं करवाने पर उसके विरूद्ध अपील कहाँ दायर की जा सकती है?
28. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत अंतिम अपील कहाँ की जा सकती है?
29. राजस्थान में सूचना का अधिकार प्राप्त करने के लिए आन्दोलन की शुरुआत किस स्थान से हुई थी?
Q 30 राज्य में पहली बार सूचना का अधिकार कानून 2000 में लागू हुआ। सूचना का अधिकार अधिनियम की कौनसी धारा के तहत राजस्थान सूचना आयोग का गठन किया गया ?
Q.31 राज्य के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में श्री M D कौरानी को दिनांक 18-04-2006 को किसने पद की सपथ दिलाई?
Q:32 राज्य सूचना आयोग में एक राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवम अधिकतम कितने सूचना आयुक्त होंगे ?
Q 33. निम्न में से संगत है (I) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन राज्य निर्वाचन आयुक्त के समान होगा (II) राज्य सूचना आयोग केंद्रीय सूचना आयोग की तरह एक सांविधिक एवम स्वायतशासी निकाय है (III) सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 18,19 एवम 20 में सूचना आयोग के कृत्य एवम शक्तियों का वर्णन है
Q:34 भारत की संसद द्वारा अधिनियमित किये जाने के बाद 'सूचना का अधिकार अधिनियम' का समारंभ हुआ ?
Specially thanks With Respects-
संदीप बेडवाल झुंझुनू, TOGESH KUMAR BARMER, Prabhu Swami Churu, Rakesh goyal , Mangesj Kumar, Vijay ji Mahala Jhujhunu, PK GURU