Table of Contents
Vedas Upanishad Concept ( वेद और उपनिषद की अवधारणा )
वेद ( Vedas ) –
वेद शब्द विद धातु से बना है जिसका अर्थ है जानना वेद का सामान्य अर्थ है -ज्ञान
वेंदो को श्रुति ग्रन्थ भी कहा जाता हे वेदिक ज्ञान को साक्षात् तपोबल के आधार पर ऋषिमुनियों के द्वारा सुना गया व इसी ज्ञान को प्रारम्भ में मौखिक रूप से ऋषिमुनियों ने अपने शिष्यो को दिया था।
वेदों को अपौरुषेय भी कहा गया क्योकि वेदों की रचना इसवरिय प्रेरणा के आधार पर ऋषि मुनियो ने की । वेदों को सहिता ग्रन्थ भी कहा जाता हे । वेदों में अलग -अलग काल में रचे गए ऋषि मुनियो के मंत्रो का संकलन हे इस कारण वे संहिता ग्रन्थ कहलाते हे।
वेदों के भाष्यकार याष्क थे शायण के अनुसार:- वेद् वह हे जो अभीष्ट की प्राप्ति व अनिष्ट को दूर करने के अलौकिक उपाय का ज्ञान देते हे।
ओल्डेन बर्ग के अनुसार “वेद भारतीय साहित्य व धर्म के प्राचीनतम अभिलेख हे”।
मनुस्मरती में लिखा हे:- ‘ नास्तिको वेद् निन्दक’ अर्थात वदो की निंदा करने वाले नाश्तिक हे।
मनुश्मृति में धर्म की चार आधार स्रोत बताये गए हे।
1. वेद्
2.स्मृति ग्रंध
3. सदाचार व
4.आत्मतुष्टि
प्रमुख वेद चार है
- ऋग्वेद-मंत्र इत्यादि से सम्बन्धित
- यजुर्वेद-यज्ञ,कर्मकांड से
- सामवेद-गायन,संगीत से
- अथर्ववेद-जादू टोने (भूतप्रेत)
1. ऋग्वेद- रचना काल (1500-1000BC)
रचना क्षेत्र:- सप्त सेंधव क्षेत्र
ऋग्वेद में 10 मंडल व 1028 सूत्र हे
दृष्टा:- वेदों के मंत्रो को रचने वाले को रचियता नहीं कहकर दृष्टा कहा जाता हे। इसी कारण भी वेद अपौरुषेय कहलाते हे।
ऋत्विज:- यज्ञ के द्वारा मंत्रो को पढ़ने वालो को या उच्चारण करने वालो को ऋत्विज कहा जाता हे।
नोट:- ऋग्वेद में ऋत्विज होता या होतृ कहलाते हे।
2. सामवेद(संगीत का वेद्)- सामवेद के ऋत्विज उदगाता कहलाते हे
3.यजुर्वेद(यज्ञ विधियों का उलेख) – यजुर्वेद के ऋत्विज अर्धव्यू कहलाते हे
त्रय ऋण
- पितृ ऋण-इसे संतानोत्पत्ति द्वारा चुकाया जाता हैं
- देव ऋण-इसे यज्ञ के द्वारा चुकाया जाता हैं
- ऋषि ऋण-इसे शिक्षा इत्यादि के द्वारा चुकाया जाता है
वेद अपौरुषेय होते हैं- क्योंकि वेदों का रचयिता ना तो कोई लौकिक पुरुष(ऋषि-मुनि) ना ही कोई अलौकिक पुरुष हैं (ईश्वर)अपितु वेद नित्य तथा शाश्वत अनादि अनंत होते है
वेद के तीन भाग है-
- संहिता -ऋचाओं से संबंधित है
- ब्राह्मण- गध् से संबंधित है
- आरण्यक- उपनिषद मुल्क दार्शनिक बातों से संबंधित है
Play Quiz
No of Questions-46
Share your Results:प्रश्न=1- देकार्त के दर्शन को निम्न में से किस श्रेणी में रखेंगे?
प्रश्न=2- उपनिषदों में मोक्ष है?
प्रश्न=3- उपनिषदों को कहते हैं?
प्र=4-उपनिषद में वर्णित किस वाद के द्वारा स्वीकार किया गया कि आत्मा शरीर नहीं है
प्रश्न=5- उपनिषद के अर्थ हैं?
प्रश्न=6- पुनर्जन्म का सिद्धांत आधारित है?
प्रश्न=7- वेदों में अद्धेत की भावना प्रतिपादित करने वाला सूत्र हैं?
प्रश्न=8- उपनिषदों की संख्या है?
प्रश्न=9- वेदों में प्रधानता पाई जाती है?
प्रश्न=10- वेदों में मानव जीवन का परम लक्ष्य किसे माना जाता है?
प्रश्न=11- वेदांग की संख्या है?
प्रश्न=12- देवता शब्द से तात्पर्य है?
प्रश्न=13- वेद शब्द की व्युत्पत्ति है?
प्रश्न=14- वेदों का वर्गीकरण कर्ता है?
प्रश्न=15- वेदों में प्राचीनतम वेद हैं?
प्रश्न. 16 वेद शब्द की व्युत्पति है
प्रश्न. 17 ऋत संचालक देवता है
प्रश्न. 18 ऋत का सम्बन्ध है
प्रश्न. 19 वेदों में मानव जीवन का परम लक्ष्य किसे माना जाता है
प्रश्न. 20 वैदिक धर्म के विकासवाद की अवस्था है
प्रश्न. 21 वेदों में प्रधानता पाई जाती है
प्रश्न. 22 उपनिषद किस भाषा में लिखे गए हैं
प्रश्न. 23 उपनिषदों को भी....... कहा जाता है
प्रश्न. 24 उपनिषदों में मोक्ष है
प्रश्न. 25 उपनिषदों को वेदांत क्यों कहा जाता है
प्रश्न. 26 प्रमुख उपनिषदों की संख्या है
प्रश्न. 27 किस उपनिषद में यम व नचिकेता की कथा के द्वारा भौतिक सुखों को क्षणभंगुर बताया गया है
प्रश्न. 28 सबसे प्राचीन उपनिषद माना जाता है
प्रश्न. 29 सबसे बड़ा उपनिषद माना जाता है
प्रश्न. 30 तैतरीय उपनिषद में आत्मा के कितने कोष बताए गए हैं
प्रश्न. 31 वेदों के मंत्रो को रचने वाले को रचियता नहीं कहकर क्या कहा गया हे?
प्रश्न. 32 निम्न में त्रिवेद में किसको सामिल नहीं किया गया हे?
प्रश्न. 33 निम्न में किसको त्रिवर्ग में सामिल नहीं किया गया हे ?
प्रश्न. 34 किस देवता का निवास स्थान हिमालय पर्वत पर मुजवंत चोटी को बताया गया हे?
प्रश्न. 35 ऋत का शाब्दिक अर्थ हे?
प्रश्न. 36 उपासना करते समय सभी देवी देवताओ में से किसी एक को मन में प्रधान मानने की भावना क्या कहलाती हे।
प्रश्न. 37 निम्न में से वेदिक सूत्र हे..?
प्रश्न. 38 संकराचार्य जी ने कितने उपनिषदों पर भाष्य की रचना की थी।
प्रश्न. 39 किस उपनिषद में आत्म हत्या को निंदनीय बताया हेऔर नैतिकता से सम्बंधित बात बताई गयी हे.?
प्रश्न. 40 यह किस उपनिषद में कहा गया हे की यज्ञ एक टूटी हुई नोका की तरह हे, जो की अल्प फल देने वाले हे।
प्रश्न 41. माण्डूक्य उपनिषद के अनुसार आत्मा की कितनी अवस्थाये बताई गयी हे।
प्रश्न 42. आत्मा का वास्तविक स्वरूप किस अवस्था में मिलता हे।
प्रश्न 43. आत्मा के किस कोष को आत्मा का वास्तविक कोष कहा गया हे
प्रश्न 44 उपनिषदों में ब्रह्म के दो रूप देखने को मिलते हे उनमे से कोनसा रूप देखने को मिलता हे।
प्रश्न 45. किस मार्ग को उपनिषदों में श्रेष्ठ मार्ग बताया गया हे।
प्रश्न 46 वेदिक कालीन किस देवता को ' देवताओं का वैध' कहा गया हे..?
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )