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Western Political Thinker-John lock ( जॉन लॉक )
जॉन लॉक का जन्म 1632 में इंग्लैंड के रिंगटन नामक स्थान पर हुआ था. इंग्लैंड में उस समय ग्रह युद्ध चल रहा था तूफानों का समय था उस समय जॉन लॉक का जन्म हुआ था जो लोग की प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई के बाद मे वेस्ट मिनिस्टर स्कूल में हुई उसके बाद क्राइस्ट चर्च कॉलेज में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की यह प्रसिद्ध चिकित्सा शास्त्री भी रहे हैं
जॉन लॉक उदारवाद के पिता है जॉन लॉक ‘अधिकारों के सिद्धान्त’ के पिता है(प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धान्त) जॉन लॉक को सामान्य बुद्धि का दार्शनिक माना जाता है।’
लॉक अनुभववाद के जन्मदाता है अनुभववाद से तातपर्य है, की ज्ञान पांच इन्द्रियों के अनुभव से प्राप्त होता है।
?जॉन लॉक के अनुसार :- प्रकृति से ही मनुष्य को यह शक्ति प्राप्त हुई है वह अपनी संपत्ति की रक्षा अर्थात जीवन ,स्वतंत्रता और संपत्ति की रक्षा करें ।
?जॉन लॉक के अनुसार :- जहां कानून समाप्त होता है वहां से अत्याचार पर होता है सरकार कुछ निश्चित उद्देश्यों के लिए कार्य करने वाली एक न्यासधारी शक्ति मात्र है।
?लाँक के अनुसार:- विचार प्रणाली में प्रत्येक तत्व व्यक्ति के चारों ओर घूमता है और उसका लक्ष्य व्यक्ति की संप्रभुता को सुरक्षित करना है
लॉक-ने विचार रखा कि– कोई भी सरकार अथवा राज्य व्यक्ति की सहमति के बिना उस पर कोई कर नही लगा सकती
?लाँक धर्म और राजनीति दोनों में ही 1688 के वर्गीय समझौते की संतान था :-फ्रेडरिक एंगेल्स के अनुसार।
?लाँक के जीवन पर प्रभाव :-सिडनी में हुकर का ।
जॉन लॉक के बाद प्राकृतिक अधिकारों का समर्थन थॉमस पेन द्वारा किया गया,जिन्होंने ‘Rights ऑफ man'(1791) नामक रचना लिखी । जॉन लॉक की सबसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘Two Treaties of government'(1689) है। लोक ,रिचर्ड हूकर की रचना -Ecclesiastical polity(1594)से बहुत ज्यादा प्रभावित थे ।
जॉन लॉक के प्रमुख ग्रंथ
- ए लेटर ऑन टोलरेशन -1689
- टू ट्रीटाइजज अॉन गवर्नमेन्ट-1690
- ए सेकंड लेटर ऑन टोलरेशम -1690
- एस्से कंसर्निग ह्यूमन अंडरस्टेंडिंग -1690
- ए थर्ड लेटर ऑन टालरेशन-1692
जॉन लॉक का प्रमुख राजनीतिक चिंतन
- ? हॉब्स की भांति राज्य के देवी सिद्धांत का खंडन करता है
- ? सीमित राज्य की अवधारणा का प्रतिपादन करता है
- ?उदारवादी विचारक, अपने विचार व्यक्ति पर शुरू करके व्यक्ति पर खत्म करता है , जॉन लॉक व्यक्तिवादी है
- ?शक्तियों के विकेंद्रीकरण का पक्षधर है
- ?अन्य विचारकों का प्रभाव मिल्टन, हूकर ,सिडनी ,फिल्मर ,हैरिंगटन आदि
- ?लॉक की मान्यता है कि समस्त ज्ञान अनुभव से प्राप्त होता है ” मानव का मस्तिष्क कोरे कागज की भांति है जिससे अनुभव के परिणाम स्वरुप विचार पैदा होते हैं”
- ? मानव विचार उत्पत्ति के दो स्रोत हैं संवेदना और प्रत्यक्ष बोध
- ?लॉक की विचार शैली व्यवहारवादी अनुभव वादी विवेकवादी है
जॉन लॉक के राजनीतिक विचारधारा
1. मानव प्रकृति
- जिस कार्य से सुख की उत्पत्ति होती है उसे अच्छा जिसे दुख होता है उसे बुरा कहता है
- व्यक्ति को विवेकशील माना नैतिक प्राणी माना शांतिप्रिय सहयोगी माना है
- कुछ कमियों को दूर करने के लिए सामाजिक समझौता करता है
2. प्राकृतिक अवस्था
- प्राकृतिक अवस्था संपूर्ण स्वतंत्रता की अवस्था है जहां लोग अपनी गतिविधियां स्वयं निर्मित करते हैं
- समानता की स्थिति कहां है
- स्वतंत्रता और स्वयं प्राकृतिक कानूनों से बंधी है
- प्राकृतिक अवस्था शांति सद्भाव सदाचार सहयोग तथा सुरक्षा की स्थिति है
- प्राकृतिक अवस्था में प्राकृतिक अधिकार थे जिसमें जीवन स्वतंत्रता संपत्ति का अधिकार प्रमुख है
3. सामाजिक संविदा
- प्राकृतिक अवस्था अच्छी थी, परंतु सरकार का अभाव था ,जो सबके लिए एक समान विधि निर्माण कर सके
- विधि का क्रियान्वयन कर सके
- विधि का उल्लंघन करने वालों को दंड दे सके
- प्राकृतिक अवस्था में राज्य का भाव था सरकार की स्थापना के लिए सामाजिक समझौता हुआ है जिसमें राजनीतिक समाज की स्थापना होगी अर्थात राज्य की स्थापना होगी जिस का संचालन सरकार करेगी
- लॉक के अनुसार राज्य के निर्माण हेतु किया गया समझौता लोगों की संपत्ति का परिणाम है
लोक का राज्य सिद्धांत
जॉन लॉक के विचार दर्शन में उसके राज्य सिद्धांत का विशेष महत्व है सामाजिक संविदा के पश्चात राजनीतिक समाज अस्तित्व में आता है
जॉन लॉक का राज्य व्यक्ति के राजनीतिक जीवन से संबंधित है क्योंकि सभी मनुष्य समान एवं स्वतंत्र होते हैं अतः किसी भी मनुष्य को कोई भी मनुष्य अपनी राजनीतिक शक्ति से उसकी अनुमति के बिना वंचित नहीं कर सकता
लाँक की प्रमुख पुस्तकें :-
- शासन पर दो निबंध पत्र 1690
- सहिष्णुता पर पहला पत्र1689
- सहिष्णुता पर दूसरा पत्र 1690
- मानव समझ पर लेख 1690
- सहिष्णुता पर तीसरा पत्र 1692
- सहिष्णुता पर चौथा पत्र 1695
?लोक की प्रमुख पद्धति :- अनुभववाद विवेकवादी
?विचारों की उत्पत्ति के दो स्रोत :-
- 1. संवेदना
- 2. प्रत्यक्ष बोध
लॉक के अनुसार :-
- 1. प्राकृतिक अवस्था एक सामाजिक व्यवस्था
- 2. स्वतंत्रता समानता प्राकृतिक कानून वाली अवस्था
- 3. प्राकृतिक अधिकार वाली अवस्था
- 4. आधारभूत सुविधाएं मौजूद
- 5. व्यवस्थापिका नहीं
- 6. कार्यपालिका न्यायपालिका का अभाव
?सामाजिक समझौते द्वारा राज्य की उत्पत्ति दो प्रकार के समझौते :- प्रथम राज्य निर्माण, द्वितीय सरकार निर्माण
?जनता की सहमति पर आधारित । सभी अधिकारों का त्याग हैं जीवन स्वतंत्रता संपत्ति का अधिकार अपने पास रखता है ।
?शासक समझौते का एक पक्ष शर्त प्रशासन पर भी लागू होती हैं ।
?समझौते का पालन आवश्यक है ।
?सिमित सरकार सरकार पर दोहरा नियंत्रण :-
1. व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का
2. प्राकृतिक अधिकारों का
1.राज्य और सरकार में अंतर 2.अटल समझौता 3.बहुमत शासन समझौता 4.अल्पसंख्यकों को माननीय 5. जनता को विद्रोह करने का अधिकार।
?सरकार द्वारा शक्ति पृथक्करण शासन पर दो निबंध के दूसरे खंड में दसवें अध्याय में सरकार का नियमन प्रकार से वर्गीकरण राजतंत्र –
(अ) राजतंत्र दो प्रकार का
1.वंशानुगत राज तंत्र पर 2. निर्वाचित राज तंत्र पर
(ब) धनिक तंत्र
(स) प्रजातंत्र
(द) मिश्रित सरकार
?शक्ति पृथक्करण :-व्यवस्थापिका ,कार्यपालिका ,न्यायपालिका ।
?लॉक :- शासन पर दो निबंध में 12 वीं अध्याय के सैक्सन 143 में लोग का संपत्ति सिद्धांत व्यक्तिगत संपत्ति का सिद्धांत है ।
2.जमीन पर स्वामित्व मूल्य का श्रम सिद्धांत
? जॉन लॉक का महत्व व प्रभाव:-
- 1. संपत्ति का विशेष महत्व
- 2.इंग्लैंड और अमेरिका प्रभावित
- 3.भूस्वामियों और पूंजीपतियों का समर्थक
- 4. फ्रांस की क्रांति का मुख्य आधार
- 5.अमेरिका की सविधान संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में समाविष्ट
लॉक को उदारवाद की आत्मा कहा जाता है।m लास्की के अनुसार :-लॉक के प्रशन स्थूल रूप से आज भी हमारे पर्सन बने हुए हैं लाँक वह दर्पण है जिसमें अंग्रेजों की प्रतिबिंब स्थाई रूप से परिलक्षित हो रहे हैं ।
डनिंग के अनुसार :-लोक द्वारा अनुमानित प्राकृतिक अवस्था राज्य से पूर्व थी और समाज से पूर्व नहीं है।
लॉक के सामाजिक समझौते के मूल कारण तीन बताए गए है-
- जिनमें पहला कारण है एक स्पष्ट एवं मानव निर्मित नियम का अभाव।
- दूसरा इन नियमों को क्रियान्वित करने वाली संस्था की अनुपस्थिति।
- तीसरा नियमों की व्याख्या करने वाली किसी निश्चित संस्था का अभाव।
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No of Questions-55
प्रश्र=01. किसने कहा है कि संप्रभुता जनता को शासक में विभक्त हैं ?
प्रश्र=02. किसने कार्यपालिका को विधायिका के अधीन रखकर संवैधानिक शासन प्रणाली की नींव रखी थी ?
प्रश्र=03. जॉन लॉक की प्रारंभिक शिक्षा किस स्कूल में संपन्न हुई थी ?
प्रश्र=04. जॉन लॉक का सबसे प्रमुख ग्रंथ है ?
प्रश्र=05. जॉन लॉक ने अपनी पुस्तक 'टू ट्रीटीज ऑफ सिविल गवर्नमेंट' के किस खंड में राजा के दैवीय अधिकारों व पदाधिकारियों का खंडन किया है ?
प्रश्र=06. लॉक ने अपनी पुस्तक 'टू ट्रीटीज ऑफ सिविल गवर्नमेंट' के किस खंड में सरकार की उत्पत्ति स्वभाव और कार्य क्षेत्र का विस्तृत विवेचन किया है ?
प्रश्र=07. किसने जॉन लॉक की पुस्तक 'टू ट्रीटीज ऑफ सिविल गवर्नमेंट' को दोनाली बंदूक कहा है ?
प्रश्र=08. किसका सामाजिक समझौते का सार निरंकुश राजतंत्र के स्थान पर संवैधानिक राज्य की स्थापना करना है ?
प्रश्र=09. किसने जॉन लॉक के कथन को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह एक ऐसा अधिकार है जो प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के अभिन्न अंग के रूप में लेकर समाज में आता है ?
प्रश्र=10. किसका दर्शन 'अधिकार रक्षण का दर्शन' है ?
प्रश्न=11. लॉक के सामाजिक समझौते के अनुसार-
प्रश्न=12. निम्न में से कौन संवैधानिक सरकार के विषय में चर्चा करता है ?
प्रश्न=13. 'हमारी आत्मा कोई जन्मजात प्रत्यय नहीं है।' यह कथन किसका है ?
प्रश्न=14. जॉन लॉक की प्राकृतिक अवस्था थी-
प्रश्न=15. लॉक के अनुसार निम्न से कौनसा प्राकृतिक अधिकार नही हैं ?
प्रश्न=16. लॉक का विश्वास था कि सम्प्रभु-
प्रश्न=17. लॉक के सामाजिक समझौते के अन्तर्गत लोग छोड़ते है-
प्रश्न=18. किस कृति मे राजा के दैवीय अधिकार सिद्धांत का खण्डन किया गया है ?
प्रश्न=19. जॉन लाक को सर्वाधिक प्रभावित करने वाली घटना है -
प्रश्न=20. लॉक द्वारा कौनसा अंग सरकार के अंगो से संबंधित नही है-
प्रश्न=21.सहिष्णुता पर चार पत्र किसने लिखे?
प्रश्न=22.लॉक के सामाजिक समझौते के अंतर्गत लोग छोड़ते हैं ?
प्रश्न=23.मैक्फर्सन ने लॉक की प्राकृतिक अवस्था को कहा है ?
प्रश्न=24.किसने कहा कि ,"लॉक का उद्देश्य राजनीतिक सत्ता को प्रतिष्ठित करना नही था,अपितु उसकी सीमाओं का वर्णन करना है।"
प्रश्न=25.किसने कहा कि,"लॉक ने व्यक्तिवाद को अजेय राजनीतिक तथ्य बनाया है ।"
प्रश्न=26.किसने कहा कि,"लोक एक महान परम्परा(उदारवाद)का पहला प्रवक्ता ओर एक महान परम्परा (मध्यकाल) का अंतिम प्रवक्ता है।"
प्रश्न=27.किसके अनुसार लॉक धर्म और राजनीति, दोनो ही 1688 के वर्गीय समझौते की संतान था ?
प्रश्न=28.किसके अनुसार,"झा कानून समाप्त होता है, वह से अत्याचार प्रारम्भ होता है..... सरकार निश्चित उद्देश्यों के लिए किर्याशील रहने वाली न्यासधारी शक्ति मात्र है।"
प्रश्न=29.किसे क्रांतियों का दार्शनिक कहा जाता है
प्रश्न=30.निम्न में से सवैधानिक सरकार के विषय मे चर्चा करता है?
प्रश्न=31. लॉक के दर्शन को दर्पण की तरह किसने बताया ?
प्रश्न-32. लॉक के सम्पति सिद्दान्त को 'अलंकारिक बकवास' किसने कहा ?
प्रश्न=33. किसने लॉक के राज्य सिद्धांत को 'स्वत्वात्मक व्यक्तिवाद' की अभिव्यक्ति माना है ?
प्रश्न=34. जॉन लॉक के अनुसार मानव स्वभाव के बारे में कौन सा वक्तव्य सही नहीं है ?
प्रश्न=35. लॉक के मतानुसार राज्य अस्तित्व में-
प्रश्न=36. लॉक की प्राकृतिक अवस्था को अस्पष्ट प्राकृतिक अवस्था कहने वाला विचारक है-
प्रश्न=38. जॉन लॉक के संबंध में असत्य कथन का चयन कीजिए- 1) जॉन लॉक का उपनाम 'उदारवाद की आत्मा' भी है। 2) लॉक की अध्ययन पद्धति अनुभववादी एवं विवेकवादी है। 3) लॉक को 'क्रांतियों का दार्शनिक' भी कहा जाता है। 4) लॉक का जन्म 1632 ईस्वी में इंग्लैंड के लंदन शहर में हुआ था। कूट:-
प्रश्न=39. "वह धान जो मेरे नौकर ने काटी है.... बिना किसी कहे या अनुमति के मेरी निजी संपत्ति बन जाती है।" यह कथन है-
प्रश्न=40. लॉक की राजनीतिक विचारधारा की आलोचना के संबंध में निम्नलिखित कथनों का अध्ययन करते हुए असत्य कथन का चयन कीजिए- 1) मानव स्वभाव संबंधी आदर्शात्मक दृष्टिकोण 2) प्राकृतिक अवस्था का वास्तविक चित्रण 3) वैयक्तिक संपत्ति के संबंध में भ्रांत धारणा 4) लॉक राज्य निर्माण में जन सहमति को अत्यधिक महत्व देता है। कूट:-
41.-लाक वर्तमान प्रजातंत्र और उदारवाद की आधारशिला है-*
42-"निर्माण करने वाला हाथ कभी वालपोल का , जैफरसन का कहीं गेम्बेटा का और कहीं कैमूर का था, किंतु प्रेरणा निश्चित रूप से लॉक की ही थी "यह कथन हैं-
43.'-जहां हांब्स के विचारों में मतभेद है वहां भावी पीढ़ियों ने ्लॉक के विचारों को ग्रहण किया यह विचार दिया-
44.-"भावी पीढ़ियों ने हांब्स का नहीं ,किंतु लांक का समर्थन किया"इन शब्दों को देने वाले थे ?
45. -असंगत को छांटिए
46. -लांक विधायिका की शक्ति को सीमित रखने के लिएउस पर कितने निश्चित नियंत्रण लगाते हैं
47 -लोक के विद्रोह संबंधी विचारों पर किसने कहा कि "स्वतंत्रता को देश प्रेमियों और अत्याचारियों के रक्त से समय-समय पर पुनः सबल बनाया जाना चाहिए"-
48.-लॉक सरकार पर बल प्रयोग करने का अधिकार देता है
49.-राज द्वारा बनाए गए कानून में लॉक के अनुसार
50.-राज्य के निर्माण के संबंध में लोक का विचार
51.-लांक के ज्ञान का सिद्धांत था
52. -लांक की प्राकृतिक कानून संबंधी धारणा
53 लाक की सहिष्णुता की नीति का आधार है
54. "प्राकृतिक अवस्था में जो कि एक सामाजिक स्थिति होती है अधिकारों की कल्पना स्वयं में ही एक विरोधाभास है"
55 लॉक का संबंध है
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards )
Thanxxx for increase my knowledge 👍